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आज से शुरू होगी इनकम टैक्स देने वालों की उलझन, महिलाओं की मौज होने वाली है

1 अप्रैल यानी आज से आपकी जिंदगी में क्या-क्या बदलाव आने वाले हैं, जानें.

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financial changes from 1 april 2023 income tax rule changes women saving scheme
शुरू हुआ वित्त वर्ष 2023-24. (सांकेतिक तस्वीर- इंडिया टुडे)
31 मार्च 2023 (Updated: 1 अप्रैल 2023, 11:31 IST)
Updated: 1 अप्रैल 2023 11:31 IST
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हम सभी अपने सारे खर्चे का हिसाब रखते हैं. साल भर में कितने पैसे कमाए, कितने पैसे खर्च किए? इसी तरह हमारी सरकारें और कंपनियां भी यही काम करती हैं. बस अंतर यह है कि उनका साल 1 अप्रैल से शुरू होता है और 31 मार्च को खत्म होता है. जिसे फाइनेंशियल ईयर कहते हैं.  मार्च महीने में सारे अकाउंट का हिसाब-किताब होता है. फिर इसे क्लोज कर दिया जाता है. अब फिर से नया वित्त वर्ष यानी 2023-24 एक अप्रैल से शुरू हो रहा है.

नए वित्त वर्ष में आयकर समेत कई बदलाव होंगे. इनमें कई ऐसे बदलाव भी हैं जिन्हें जानना आपके लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि इनका सीधा असर आपकी-हमारी जेब पर पड़ेगा. इसके अलावा 1 अप्रैल से बजट में किए गए ऐलान भी अमल में आ जाएंगे. 2023-24 के बजट में कई नई घोषणाएं की गई हैं, जो एक अप्रैल से लागू होने जा रही हैं. एक अप्रैल से इनकम टैक्स, म्यूचुअल फंड आदि से जुड़े नियम भी बदल रहे हैं.

आयकर

एक अप्रैल से इनकम टैक्स देने वालों की उलझन शुरू होने वाली है. वजह है पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था में से किसी एक को चुनना. अगर आप अगले वित्त वर्ष से आयकर रिटर्न भरने के लिए पुरानी या नई कर व्यवस्था में से किसी एक को नहीं चुनते हैं तो नई टैक्स व्यवस्था में खुद-ब-खुद  शामिल हो जाएंगे. 2023-24 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई कर व्यवस्था में इनकम टैक्स छूट की सीमा 5 लाख  से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी है. पुरानी कर व्यवस्था में 2.5 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ता था. लेकिन याद रखें कि ओल्ड टैक्स रिजीम की तरह नई टैक्स रिजीम में आपको कई प्रकार की छूट का लाभ नहीं मिलेगा. अगर आप न्यू टैक्स रिजीम चुनते हैं तो 7.27 लाख रुपये की सालाना कमाई पर करीब 25,000 रुपये टैक्स चुकाना होगा.

इसके अलावा सैलरीड कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ अब न्यू टैक्स रिजीम का चुनाव करने वालों को मिलेगा. इसके लिए टैक्स चुकाने वाले कर्मचारी 50,000 रुपये तक का क्लेम कर सकते हैं, जबकि 15.5 लाख रुपये या उससे अधिक की आय वाले नौकरी पेशा आदमी को स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में 52,500 रुपये का लाभ होता है. नए वित्त वर्ष से गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए लीव एनकैशमैंट की सीमा 25 लाख रुपये कर दी गई है. पहले यह 3 लाख ही थी.

म्यूचुअल फंड

एक अप्रैल से एक और बड़ा बदलाव डेट म्यूचुअल फंड को लेकर हुआ है. इसके तहत, अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (एलटीसीजी) की परिभाषा बदल गई है. नए नियम उन डेट म्यूचुअल फंड पर लागू होंगे, जिन्होंने शेयर बाजार में 35 फीसदी से कम निवेश कर रखा है. इसके तहत, निवेश पर मिलने वाले रिटर्न पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगेगा. इस कारण निवेशकों को पहले से ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा.

डेट म्यूचुअल फंड पर शॉर्ट/लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स क्या है?

अभी डेट म्युचुअल फंड पर दो तरह से टैक्स कैलकुलेट किया जाता है. पहला, अगर किसी निवेशक ने डेट म्यूचुअल फंड में निवेश से कमाई की है और उसने तीन साल से पहले रिटर्न के साथ पैसा निकाल लिया तो उसके इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है. यानी रिटर्न को कमाई माना जाता है. उस पर इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर टैक्स लगता है. लेकिन अगर कोई निवेशक 3 साल बाद अपने पैसे निकालता है, तो उसे 20 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना पड़ता है.

महिलाएं

एक अप्रैल से महिलाओं के लिए पहली बार एक शानदार बचत स्कीम शुरू होने जा रही है. इस योजना का नाम महिला सम्मान बचत योजना है. इसके तहत कोई भी महिला अधिकतम दो लाख रुपये तक का निवेश कर सकती है. इस पर 7.50 फीसदी ब्याज मिलेगा. हालांकि योजना लंबे वक्त तक नहीं रहेगी. 2023-24 के बजट के मुताबिक यह योजना सिर्फ दो साल के लिए लाई गई है. 

यह बचत योजना मार्च, 2025 तक लागू रहेगी. यानी इस अवधि के दौरान दो लाख रुपये के निवेश पर कुल 30,000 रुपये का ब्याज मिलेगा. महिलाओं के साथ सीनियर सिटीजन को भी एक अप्रैल से निवेश पर फायदा होने वाला है. एक अप्रैल से सीनियर सिटीजन बचत योजना और पोस्ट ऑफिस मासिक योजना में दोगुना निवेश करने की सुविधा मिलेगी. 

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में एक साल में 15 लाख रुपये सालाना की सीमा की जगह अब अब 30 लाख तक का निवेश किया जा सकेगा. अगर कोई इसमें पहले अधिकतम 15 लाख रुपये निवेश करता था तो उसे 8 फीसदी ब्याज दर से 5 साल में 6 लाख रुपये का ब्याज मिलता था. अधिकतम 30 लाख की निवेश सीमा पर 12 लाख रुपये का ब्याज मिलेगा. पोस्ट ऑफिस मासिक योजना में पहले निवेश की सीमा 4.5 लाख रुपये थी, जिसे बढ़ाकर अब 9 लाख रुपये कर दिया गया है. अगर ज्वाइंट अकाउंट है तो इस निवेश सीमा को 9 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया गया है.

कमर्शियल LPG 

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक 1 अप्रैल से रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव हुआ है. 19 किलो वाले कमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमतों में 91.50 रुपये की कटौती की गई है. दिल्ली में 19 किलो के कमर्शियल सिलेंडर की नई कीमत 2,028 रुपये होगी. हालांकि, घरेलू रसोई गैस की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. हर महीने की पहली तारीख को पेट्रोलियम कंपनियां रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव करती हैं.

एक्सप्रेस वे पर सफर 

1 अप्रैल से देश के हाइवे और एक्सप्रेसवे पर सफर करना महंगा हो सकता है. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे और NH-9 पर 1 अप्रैल से करीब 10 फीसदी टोल टैक्स में बढ़ोतरी हो गई है. मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर भी टोल की दर बढ़ाने का ऐलान हो चुका है. इस एक्सप्रेसवे पर अब सफर करने के लिए 18 फीसदी अधिक टोल चुकाना होगा. हर वित्त वर्ष की शुरुआत में टोल टैक्स में बदलाव किया जाता है.

ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग

1 अप्रैल 2023 यानी आज से गोल्ड की ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया है. अब से सिर्फ 6 अंक वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग ही मान्य होंगे. 4 अंकों के हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन वाली ज्वैलरी की बिक्री अब नहीं हो सकेगी.  
 

वीडियो: खर्चा-पानी: 1 अप्रैल से इनकम टैक्स, म्यूचुअल फंड और बीमा पॉलिसी में बड़े बदलाव

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