The Lallantop
Advertisement

CJI चंद्रचूड़ तमिलनाडु के गवर्नर पर बुरी तरह भड़के, कहा- "कल तक का समय दे रहे नहीं तो..."

दरअसल तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने डीएमके के एक नेता को मंत्रिमंडल में शामिल करने से मना कर दिया था. सीएम एमके स्टालिन अपने मंत्रिमंडल में के पोनमुडी को वापस लाना चाह रहे थे. लेकिन राज्यपाल रवि ने शपथ दिलाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई.

Advertisement
R N Ravi
तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन रवि. (@rajbhavan_tn)
font-size
Small
Medium
Large
21 मार्च 2024
Updated: 21 मार्च 2024 22:24 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च को तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को जमकर आड़े हाथों लिया. राज्यपाल ने प्रदेश में सत्तारूढ़ डीएमके के एक नेता को मंत्रिमंडल में शामिल करने से मना कर दिया था. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन अपने मंत्रिमंडल में के पोनमुडी को शामिल करना चाह रहे थे. लेकिन राज्यपाल रवि ने शपथ दिलाने से मना कर दिया. उनका कहना था कि पोनमुडी आपराधिक मामले में दोषी करार हैं. जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिए जाने पर रोक लगा दी थी.

मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. उन्होंने राज्यपाल की खिंचाई करते हुए कहा कि राज्यपाल अपने काम से "सर्वोच्च न्यायालय की अवहेलना" कर रहे हैं. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जब अदालत द्वारा दोषसिद्धि पर रोक लगा दी जाती है, तो राज्यपाल ऐसा कैसे कह सकते हैं.

उन्होंने कहा, 

हम राज्यपाल को संविधान के अनुसार काम करने का निर्देश देने से रुकेंगे नहीं. उस स्थिति से बचने के लिए हम समय दे रहे हैं. हम कल देखेंगे, कल तक राज्यपाल को समय दे रहे हैं... नहीं तो... हम अभी कुछ कहना नहीं चाहते.

सुप्रीम कोर्ट तमिलनाडु सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इसमें मांग की गई थी कि अदालत राज्यपाल को ये निर्देश दे कि वे पोनमुडी को मंत्री के रूप में फिर से नियुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा की गई सिफारिश को स्वीकार करे. सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च को आय से अधिक संपत्ति के मामले में पोनमुडी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी और तीन साल की जेल की सजा को निलंबित कर दिया था.

अब राज्यपाल के रवैये पर CJI चंद्रचूड़ ने कहा है, 

क्या हम कानून द्वारा शासित देश में हैं? कोई भी संवैधानिक पदाधिकारी ऐसा कैसे कह सकता है... हमारे आदेश को प्रभावी बनाया जाना चाहिए.

उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि राज्यपाल राज्य में नाम मात्र के प्रमुख हैं, जिनके पास (सरकार को) परामर्श देने की शक्ति के अलावा और कोई शक्ति नहीं है.

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement